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भीतर के केबिन से सब लोग बाहर जा चुके थे और अब केवल प्रधान जी और राजकुमार ही अंदर थे। प्रधान जी अपनी कुर्सी पर और राजकुमार उनके सामने वाली कुर्सी पर बैठा था।
तो पुत्तर जी, आपकी क्या सलाह है, इस मामले को हमें किस तरह से डील करना चाहिये।
मैने सारे पेपर्स देखे हैं प्रधान जी, और मेरे ख्याल से हमें सबसे पहले इस मामले में एस एस पी सौरव कुमार से मिलना चाहिये। राजकुमार के स्वर में आदर स्पष्ट झलक रहा था।
ओ जीत रहो मेरे युवराज, मेरे मुंह की बात छीन ली। प्रधान जी ने प्रसन्नता भरे स्वर में ऐसे कहा जैसे उन्हें पहले ही पता हो कि राजकुमार का यही जवाब होगा।
सौरव कुमार बहुत ही कुशल एस एस पी हैं और आपके उनके साथ बहुत अच्छे संबंध भी हैं। भले ही किसी राजनैतिक दबाव के कारण इस मामले में सीधे रूप से वो हमारी कुछ मदद न कर पायें, पर ऊपर तक ये बात जरूर पहुंचा देंगे कि न्याय सेना ने ये मामला अब अपने हाथ में ले लिया है, जिसका लाभ हमें मिलेगा। राजकुमार कहता जा रहा था।
हरपाल सिंह कोई नई बदमाशी करने से बाज आ जायेगा क्योंकि वो आपके प्रभाव और न्याय सेना की ताकत को जानता है। इससे हमें अपना काम आराम से करने का समय मिल जायेगा और फिर एक लाभ और भी हो जायेगा। राजकुमार ने अपनी बात को विराम दिया।
वो क्या पुत्तर जी। प्रधान जी ने जैसे सब समझते हुये भी राजकुमार को परखने के लिये पूछा।
पुलिस के सभी अधिकारियों के साथ न्याय सेना के बहुत अच्छे संबंध हैं। कोई और कदम उठाने से पहले उन्हें एक मौका दे देने से उन्हें बाद में ये कहने का अवसर नहीं मिलेगा कि हमने उनपर भरोसा न करते हुये सीधे ही कोई आक्रामक कदम उठा लिया। राजकुमार ने अपनी बात पूरी की।
ओ जीते रहो मेरे शेरू, मेरी डार्लिंग। जी करता है इस बात पर तेरा मुंह चूम लूं। प्रधान जी के स्वर में ऐसा गर्व झलक रहा था जैसे कोई गुरू अपने बहुत काबिल शिष्य को देखकर करता है।
यूं तो संगठन में एक से एक हीरा भरा पड़ा है, पर राजतंत्र की प्रणाली को समझ कर उसमें से काम निकालने की जो समझ तुम्हारे अंदर है, वो और किसी में नहीं। प्रधान जी के स्वर में गर्व की मात्रा बढ़ती जा रही थी।
सब आपसे ही सीखा है प्रधान जी। राजकुमार ने मुस्कुराते हुये कहा।
इसीलिये तो हम तुम्हें अपना युवराज कहते हैं, मेरे राजकुमार। प्रधान जी के स्वर में अब गर्व के साथ साथ एक पिता का प्रेम भी उमड़ आया था।
प्रधान जी की जय हो। प्रधान जी के स्वर में घुले हुये प्रेम की तीव्रता को भांपते हुये राजकुमार ने माहौल को हल्का करने के लिये कहा।
तो फिर तय रहा, कल सुबह चमन शर्मा के साथ सबसे पहले एस एस पी सौरव कुमार को मिला जायेगा और उनसे इस केस पर बनती उचित कार्यवाही करने को कहा जायेगा। वहां से आगे फिर हालात के हिसाब से निर्णय लिया जायेगा। प्रधान जी का स्वर पुन: संतुलित हो चुका था।
जैसी आपकी आज्ञा प्रधान जी, तब तक मैं इस केस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में अपनी जानकारी बढ़ा लेता हूं ताकि जब हम एस एस पी से मिलें तो पूरी तरह से तैयार हों। राजकुमार ने कहा।
हिमांशु शंगारी